सदियों की परतंत्रता के बाद 1947 में देश को राजनैतिक स्वतंत्रता तो मिली किन्तु, दुर्भाग्यवश उसके सांस्कृतिक स्वरूप पर होने वाले अनवरत हमलों पर कोई विराम न लग सका। स्वतंत्रता के 7 दशकों तक भी हम ना तो अपने मंदिरों को मुक्त कर पाए, न नदियों को, न सांस्कृतिक विरासतों को, ना अपने महापुरुषों को। हमारे ऐतिहासिक गौरव